श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! प्रेम की विचित्र गति – “उद्धव प्रसंग 5” !!-भाग 1: Niru Ashra
श्रीकृष्णचरितामृतम् !! प्रेम की विचित्र गति – “उद्धव प्रसंग 5” !! भाग 1 तात ! मुझे स्मरण आरहा है ……मेरे गुरुदेव बृहस्पति मुझ से कहते थे – “उपदेशक श्रोता को तब तक उपदेश नही करता जब तक उसका अन्तःकरण उपदेश ग्रहण करनें योग्य नही बन जाता” । इसका रहस्य मैं तब समझा नही था पर … Read more