Explore

Search

July 7, 2025 2:00 pm

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ जाहि कहौ तुम कान्ह!ताहि कोऊ पिता न माता।अखिल -अंड-ब्रम्हंड सकल, उन्हीं सो जाता।।लीला कौ अवतार लै,धरि आए तन स्याम।जोग जुगति ही पाइऐ, परब्रह्म पुर धाम।।सुनों ब्रजनागरी।।भावार्थ:-उद्धव जी गोपियों को समझाते हुए कह रहे हैं कि जिनें तुम कान्ह कहते हो न,उनके कोई माता पिता नहीं हैं,वे तो अखिल ब्रह्माण्ड … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-पंचदशोध्याय :

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-पंचदशोध्याय :

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( पंचदशोध्याय: ) गतांक से आगे – दूसरे दिन प्रातः निमाई और विष्णुप्रिया उठे ….स्नान आदि किया ….सुन्दर वस्त्र धारण किये ….फिर कुछ देर अग्निहोत्रादि का शेष कार्य पूर्ण किया …फिर भोजन का समय हुआ तो निमाई और विष्णुप्रिया को बैठाकर माता महामाया देवि ने स्वयं भोजन बना, खिलाने … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! -: अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! -: अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 मुझे कोई नही जीत सकता…..मेरे समान शक्तिशाली कोई नही है ! ब्रह्मा को मैने नचाया …..शंकर……हाँ …….शंकर नें मुझे जला दिया भस्म कर दिया ……पर उससे क्या ? मैं तो बिना देह के और शक्ति सम्पन्न हो – प्रकट हुआ हूँ ……………. “पर भगवान श्रीराम के … Read more