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July 7, 2025 4:55 am

उद्धव गोपी संवाद( भ्रमर गीत) ५७ एवं ५८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद( भ्रमर गीत) ५७ एवं ५८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद( भ्रमर गीत)५७ एवं ५८ कोहू कहै रे मधुप,ग्यान उलटौ लै आयौ।मुक्ति परै जे लोग,तिन्हीं फिरि करम बतायौ।।वेद उपनिषद सार जो,मोहन गुन गहि लेत।तिन्ह को आतम सुद्धि करि, फिर फिरि संथा देत।।जोग चटसार में –भावार्थ:-कोई गोपी कह रही रे मधुप तू ज्ञान को उलटो यहां लायो ( यह सब भवंरे के मिस ऊधौ … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- अष्टात्रिंशत् अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- अष्टात्रिंशत् अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( अष्टात्रिंशत् अध्याय : ) गतांक से आगे – पौष का महीना चल रहा है …शीतलहर है …गंगा का जल इन दिनों कुछ ज़्यादा ही ठण्डा है । इसलिये लोग अरुणोदय के बाद ही आते हैं गंगा स्नान के लिये । हाँ जो तपस्वी और साधक श्रेणी के है … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 41 !! -“गोपीगीत” – एक दिव्य प्रेमगीत भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 41 !! -“गोपीगीत” – एक दिव्य प्रेमगीत भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 41 !! “गोपीगीत” – एक दिव्य प्रेमगीतभाग 3 इन चरणों को हमारे वक्ष में रख दो …….जल रहा है हमारा हृदय । क्यों ? क्यों भाव खा रहे हो यार ! क्या हमारे वक्ष उन कालिय नाग के फनों से भी विष बुझे हैं …….अब बुझा दो ना इस अगन को …..हे हरि … Read more