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September 14, 2025 2:00 am

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( वृन्दावन, ऊपर से वसन्त ! -Ç “मधुरितु वृन्दावन” ): Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( वृन्दावन, ऊपर से वसन्त ! -Ç “मधुरितु वृन्दावन” ): Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( वृन्दावन, ऊपर से वसन्त ! -Ç “मधुरितु वृन्दावन” ) गतांक से आगे – उफ़ ! वैसे ही वृन्दावन उसमें भी वसन्त , और वसन्त भी पगलाया ! कहते हैं कामदेव का सेनापति है वसन्त ….इसे चित्त को उद्विग्न करने में आनन्द आता है …तभी तो असंख्य … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 60 !!-प्रेमाश्रु – प्रवाह भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 60 !!-प्रेमाश्रु – प्रवाह भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 60 !! प्रेमाश्रु – प्रवाहभाग 1 शीतऋतु थी ……..वृन्दावन में शीत का प्रकोप शुरू हो गया था । महर्षि शाण्डिल्य अपनी बात बता रहे थे – “सन्ध्या होनें वाली थी …….मैं सन्ध्या – गायत्री करनें के लिये तैयार ही था कि ………..सामनें एक नौका आकर खड़ी हुयी ………हे वज्रनाभ ! मेरी कुटिया यमुना … Read more