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August 30, 2025 6:11 pm

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रस गर्विली श्रीराधा – “खेल्यौ लाल चाहत रवन” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रस गर्विली श्रीराधा – “खेल्यौ लाल चाहत रवन” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( रस गर्विली श्रीराधा – “खेल्यौ लाल चाहत रवन” ) गतांक से आगे – प्रेम की अटपटी चाल है …..यहाँ रूठना भी प्रेम का ही एक अंग है ..और मनाना भी । श्रीराधा निकुँज में रस गर्विली हैं ….ये मान कर बैठती हैं …रूठने का कोई कारण … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 64 !!-हंसदूतम्भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 64 !!-हंसदूतम्भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 64 !! हंसदूतम्भाग 1 मूर्च्छा कैसे टूटे ? उनके रोम रोम से “कृष्ण” कृष्ण” कृष्ण” बस यही ध्वनि आरही थी । आकाश से एक हंस उतरा था उसी समय ……….. वो सीधे श्रीराधारानी के पास आकर खड़ा होगया । जाओ ! जाओ यहाँ से ! सखियों नें उसे भगाना चाहा ………पर नही वो … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( विरह विलास – “वेगि चलहि उठि गहर करत कत”) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( विरह विलास – “वेगि चलहि उठि गहर करत कत”) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( विरह विलास – “वेगि चलहि उठि गहर करत कत”) गतांक से आगे – निकुँज में विरह विलास के पदों को जब गोसाईं श्रीहित हरिवंश जू गाते हैं ….तब बड़ा भला करते हैं ….हम लोगों का बड़ा भला करते हैं …जब वो नित्य विहार की सनातन जोरी … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 63 !!-पतंग तो जलता है, सखी ! दीपक भी तो जलता है भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 63 !!-पतंग तो जलता है, सखी ! दीपक भी तो जलता है भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 63 !! पतंग तो जलता है, सखी ! दीपक भी तो जलता हैभाग 3 हे कालिन्दी ! मेरा एक सन्देश कहोगी मेरे प्रियतम से ! कहना ! तेरी राधा रोज मेरे तट में आती है ……बैठी रहती है…….मेरे नीले रँग को देखकर तुझे याद करती है ………तुमनें जिस गागर को छूआ था ……उसी … Read more