श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 30-( वृन्दावनं परित्यज्य पादमेकं न गच्छति)-: Niru Ashra
श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 30 ( वृन्दावनं परित्यज्य पादमेकं न गच्छति) एक अच्छे साधक हैं आंध्रप्रदेश के ….उन्होंने मुझे लाकर एक दाक्षिणात्य विद्वान द्वारा लिखी गयी भागवत की टीका दी ….मात्र श्रीकृष्ण चरित्र का उसमें वर्णन था । मेरे जीवन का व्यसन यही है…..मेरी कमी-कमजोरी अब यही बन गयी है …कि इन युगल की लीलाओं … Read more