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November 22, 2024 10:22 am

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 16 – “जहाँ विराजत मोहन राजा” )-Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 16 – “जहाँ विराजत मोहन राजा” )-Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 16 – “जहाँ विराजत मोहन राजा” ) गतांक से आगे – मूलं मुदां रतिपतेर्मनसोनुकूलमाचूलमूलमरुणं धरणीगुणेन ।नैश्रेयसाकरममन्दमरन्दसान्द़ं सन्ध्याघनोपमघनोपवनं विभाति ।। अर्थ – उस नगर के बीच में मधुर मेचक ( श्याम सुन्दर ) और उनकी महारानी रति ( श्रीराधारानी ) का दिव्य महल है …उस … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 95 !!-उद्धव की वृन्दावन से अश्रुपूर्ण विदाई…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 95 !!-उद्धव की वृन्दावन से अश्रुपूर्ण विदाई…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 95 !! उद्धव की वृन्दावन से अश्रुपूर्ण विदाई…भाग 1 हे उद्धव ! तुम्हीं नें कहा था , जब तुम आये ही थे मथुरा से …….. कि “हे पितृचरण ! श्रीकृष्ण ईश्वर हैं “ तुम कहते हो तो होगा ………क्यों की शास्त्रों को तुम जानते हो …..हम नहीं …….धर्म क्या कहता है …….ये भली … Read more