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October 14, 2025 10:26 pm

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (023) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (023) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (023) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) योगमाया का आश्रय लेने का अर्थ मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रितः श्रीशुक उवाच भगवानपि ता रात्रीः शरदोत्फुल्लमल्लिकाः ।वीक्ष्य स्तुं मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रितः ।। मनुष्य कर्म करता है आनन्द के लिए और मनुष्य ज्ञान भी प्राप्त करता है आनन्द के लिए। आनन्द तो जीवन का प्रयोजन है। प्रयोजन किसको बोलते … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 33 – “जहाँ स्त्रियाँ ही पुरुष हैं” ) : Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 33 – “जहाँ स्त्रियाँ ही पुरुष हैं” ) : Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 33 – “जहाँ स्त्रियाँ ही पुरुष हैं” ) यत्र स्त्रिय एव पुरुषा : । अर्थ – प्रेमनगर में स्त्रियाँ ही पुरुष भाव को प्राप्त होती हैं । *जी , प्रेमनगर में स्त्रियाँ पुरुष भाव में जीने लगती हैं । ये प्रेम की ऊँचाई है … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 100 !!-श्रीराधारानी का यह विलक्षण रूप….भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 100 !!-श्रीराधारानी का यह विलक्षण रूप….भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 100 !! श्रीराधारानी का यह विलक्षण रूप….भाग 3 भोजन करना छोड़ दिया था गोप , गोपी वन्य जीवों नें भी…….. उद्धव ! तुम नही समझोगे विरह के कष्ट को…….प्राण चले जाएँ ……वह ठीक है …..पर प्रियतम न जाएं…..ललिता सखी नें कहा । दस दिन हो गए …………बस रो रहे हैं …….गोपियाँ बेसुध हैं … Read more