!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त!!,”श्रीराधाचरितामृतम्” 134 !!(3),श्रीमद्भगवद्गीता & महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (094): Niru Ashra
Niru Ashra: !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! ( “सिद्धान्त सुख” – 8 ) गतांक से आगे – ऐसो निज धाम जा मधि निति भूमि। अमित दल कमल आकार रहि झूमि ॥मध्य मंजुल बनी अष्टदल पाँति । उपरि प्रिय सखिनि की कुंज सरसाँति ॥तेजमय कर्निका अति सुदेसा। ताके चहुँ ओर सरवर सुबेसा ॥मान अरु मधुर सरवर … Read more