Explore

Search

October 19, 2025 6:04 pm

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 138 !!(1),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (103)&श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

🌻🦚🌻🦚🌻 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 138 !! भाग 1🌲🦜🌲🦜🌲 अनन्त आकाश में हर दिन हर रात कहीं न कहीं चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण पड़ता ही रहता है …….ज्योतिष भी कहता है ………..कि राहू छाँया पुत्र है ….यानि छायाँ से प्रकट है राहू……….सूर्य और चन्द्र के बीच में पृथ्वी की छायाँ पड़ती ही रहती है ……..पृथ्वी छोटी है सूर्य … Read more