!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (144)& श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
Niru Ashra: !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! ( “सिद्धान्त सुख” – 71 ) गतांक से आगे – अब सुनि समवर्तनि सखि जोई । इहि प्रकार बिबि सेवें सोई ॥ सरदेंदुका मुकर मन मोहैं। अनंतरँगा सिंघासन सोहैं ॥ सोहैं अनंतरँगा सिंघासन चॅवर मधु-मारुत अली। छत्र है ऐश्वर्यपूर्ण सुगंध गंध मादावली ॥ सर्वतोभद्रनी सज्या सुमन वल्लरि फूल … Read more