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November 22, 2024 4:08 am

श्रीसीतारामशरणम्मम(14-3), “राजकुमार पृषघ्र”,भक्त नरसी मेहता चरित (13) & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

श्रीसीतारामशरणम्मम(14-3), “राजकुमार पृषघ्र”,भक्त नरसी मेहता चरित (13) & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

Niru Ashra: “राजकुमार पृषघ्र” भागवत की कहानी – 12 आप अपने आपको इतना तुच्छ क्यों समझते हैं ? आप परब्रह्म की सन्तान हैं …आपका कोई क्या बिगाड़ सकता है ? बात ये है कि ….आपने अपने को छोटा समझ लिया …आपने अपने को सामान्य परिस्थितियों का सेवक बना लिया …कर्म , काल , ग्रह , … Read more