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November 21, 2024 11:18 pm

श्रीसीतारामशरणम्मम(21-3),“दामोदर लीला”,भक्त नरसी मेहता चरित (034) & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

श्रीसीतारामशरणम्मम(21-3),“दामोदर लीला”,भक्त नरसी मेहता चरित (034) & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

🙏🥰 #श्रीसीतारामशरणम्मम 🥰🙏 #मैंजनकनंदिनी…. 2️⃣1️⃣भाग 3 ( #मातासीताकेव्यथाकीआत्मकथा )_🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀 #कहीनजाइसबभाँतीसुहावा….._📙( #रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 #मैवैदेही ! ……………._ आहा ! सिया जू ! उनका वर्णन मै कैसे कर सकती हूँ ………..चन्द्रकला नें कहा। । मैने जब दर्शन किये रघुनन्दन श्री राम के …….घोड़े में बैठे हुए थे …… उनके जिस अंग पर मेरी दृष्टि जाती थी …………..मेरी दृष्टि … Read more

श्रीसीतारामशरणम्मम( “नन्द -यशोदा”(32), 🕉🙇‍♀🚩कृष्णा गोबिंद गोबिंद गोपाल नन्दलाल & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

।    : “नन्द -यशोदा”(32), 🕉🙇‍♀🚩कृष्णा गोबिंद गोबिंद गोपाल नन्दलाल & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

BLOG श्रीसीतारामशरणम्मम(21-2), 🙏🥰 # 🥰🙏 #मैंजनकनंदिनी…. 2️⃣1️⃣भाग 2 ( #मातासीताकेव्यथाकीआत्मकथा )_🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀 #कहीनजाइसबभाँतीसुहावा….._📙( #रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 #मैवैदेही ! ……………._ काम की उत्पत्ति है मन से ……..(मेरी चन्द्रकला किसी बृहस्पति से कम थोड़े ही है) …………अब मन तो चंचल होता ही है ………..इसलिये मैनें तो एक बात समझ ली ………कि मन को शान्त करनें की अपेक्षा………अपनें मन में … Read more