🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(84–2),मिथिला के भक्त – 7,श्री भक्तमाल (047) તથા श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣4️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! हे राम ! स्वर्गपति इन्द्र तुम्हारे पिता के अच्छे मित्रों में से एक थे । जब भी स्वर्ग जाते तुम्हारे पिता ………तभी देवराज अपना आधा सिंहासन छोड़ देते ………………… एक दिन की बात …………….इन्द्र की सभा … Read more