🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(88-2),मिथिला के भक्त – 21,श्री भक्तमाल (059), तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣8️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! हाँ तपश्चर्या ! वो श्रीराम को पति चाहती है ……………..इसलिये वो तपश्चर्या करनें गयी है ………….ये बातें मुझे त्रिजटा नें बताई थीं जब मैं लंका में थी तब । कोई राजकुमार आये हैं ………………… दो राक्षस … Read more