🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏.9️⃣1️⃣ भाग 3,मिथिला के भक्त – 31,श्री भक्तमाल (069) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा) Niru Ashra: मैंजनकनंदिनी..9️⃣1️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! उन राक्षसी सेना से उड़नें वाली धूल आकाश में छा गयी थी ……मैं जिस गुफा के छिद्र से देख रही थी …………वहाँ से मेरे श्रीराम दीखनें बन्द हो गए थे …….मैं घबड़ाई ……..लक्ष्मण ! … Read more