🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(94–1),मिथिला के भक्त – 38, श्री भक्तमाल (076) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣4️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥ १॥दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥ २॥ जनकनन्दिनी ! आपको नमस्कार करता हूँ । आप सब पापों का नाश तथा दारिद्र्य का संहार करनेवाली हैं । भक्तों को अभीष्ट वस्तु देनेवाली … Read more