🙏🥰 श्रीसीताराम बनशरणम् मम 🥰🙏(108-3),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-18”,Hari sharan[] श्री भक्तमाल तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम बनशरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣8️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 उद्भवस्थिति संहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्।सर्वश्रेयस्करी सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्।। मैं वैदेही ! रक्त तो है ? एक राक्षस बोल उठा …………. ये सुनते ही एक क्षण के लिए क्रोध से आँखें लाल हो गयीं थीं ऋषि अगत्स्य की …….फिर ऊपर की … Read more