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August 2, 2025 11:49 am

श्रीसीताराम बनशरणम् मम ( 110-3), श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ कीआत्मकथा-25,] श्री भक्तमाल 125 तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>> 1️⃣1️⃣0️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 3 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 यन्मायावशवर्तिं विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरायत्सत्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः।यत्पादप्लवमेकमेव हि भवाम्भोधेस्तितीर्षावतांवन्देऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! फिर उसके बाद ये सब राक्षसियाँ मुझे परेशान करनें लगीं ……… त्रिजटा नें उन राक्षसियों को … Read more