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August 2, 2025 4:51 am

श्रीसीताराम शरणम् मम 111(3), “श्रीकृष्णसखा मधुमंगल की आत्मकथा-28”, श्री भक्तमाल (128) तथाश्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग>>>>>>> 1️⃣1️⃣1️⃣🌺*मै जनक नंदिनी ,,,भाग 3 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहंदनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशंरघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! रुको माँ ! मेरे पास एक प्रमाण और है ? इतना कहकर अपनी जटाओं से मुद्रिका निकाली हनुमान नें …………और मेरे हाथों में … Read more