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July 31, 2025 8:26 pm

श्री सीताराम शरणम् ममभाग 115 (1) श्रीकृष्णसखा’मधुमंगल’ की आत्मकथा – 38″, श्री भक्तमाल (138)तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>1️⃣1️⃣5️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! रामप्रिया ! ए रामबल्लभा ! सुनो ! सुनो …….. त्रिजटा पाँच दिन बाद आयी थी ………पर … Read more