श्री सीताराम शरणम् ममभाग 117 (1) श्रीकृष्णसखा’मधुमंगल’ की आत्मकथा – 43″, श्री भक्तमाल (143)तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣1️⃣7️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 त्यक्त्वा सुदुस्त्यजसुरेप्सितराज्यलक्ष्मींधर्मिष्ठ आर्यवचसा यदगादरण्यं ।मायामृगं दयितयेप्सितमन्वधावत्वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! “भक्तवत्सल श्रीराम की जय”“शरणागत वत्सल श्रीराम की जय”“कृपापारावार श्री रघुनाथ जी की जय” उस दिन पागलों की तरह अशोक … Read more