श्री सीताराम शरणम् ममभाग 120 (2), “श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’की आत्मकथा – 52”, श्री भक्तमाल (153) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा –
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏*🌺भाग >>>>>>>> 1️⃣2️⃣0️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 श्रीराघवं दशरथात्मजमप्रमेयं,सीतापतिं रघुकुलान्वयरत्नदीपम् ।आजानुबाहुमरविन्ददलायताक्षं,रामं निशाचरविनाशकरं नमामि ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! पर रावण की सभा में जाते हुए एक दुर्घटना भी हो गई । क्या ? मैने त्रिजटा से पूछा । रावण … Read more