श्री सीताराम शरणम् मम भाग 120 (3), “श्रीकृष्णसखा’मधुमंगल’की आत्मकथा – 53”, तथा श्री भक्तमाल (154) : नीरु आशरा
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏*🌺भाग >>>>>>>> 1️⃣2️⃣0️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 3 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 श्रीराघवं दशरथात्मजमप्रमेयं,सीतापतिं रघुकुलान्वयरत्नदीपम् ।आजानुबाहुमरविन्ददलायताक्षं,रामं निशाचरविनाशकरं नमामि ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! अभी भी कुछ नही बिगड़ा है ………..हे लंकेश ! अधर्म का पथ त्याग दो ……माँ सीता को लौटा दो ………शरणागतवत्सल की … Read more