श्री सीताराम शरणम् ममभाग 121 (1), “श्रीकृष्णसखा’मधुमंगल’की आत्मकथा – 54” तथा श्री भक्तमाल (155) : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏 🌺भाग>>>>>>> 1️⃣2️⃣1️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं,यः सौरवृषमाहितयोगचित्तम् ।हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं,सन्मानशीलपरिपीतपरागपुञ्जम् ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मै वैदेही ! ओह ! मेरे सामनें उस दिन हृदय विदारक दृश्य दिखाया दशानन नें । मैं रो नही सकी …….मेरे आँसू सूख गए थे…….मैं … Read more