🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺 1️⃣3️⃣1️⃣भाग 1,”प्रश्नोपनिषद”- त्रयोविंशति तथा श्री भक्तमाल (185) : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣3️⃣1️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! दशानन अशोकवाटिका से सीधे गया था अपनें महल में ……..पर वहाँ जाकर ऐसे अपनें आसन में बैठा, जैसे बहुत थक गया हो ……..। पुत्रवधू आई है …………..मन्दोदरी नें सूचना दी … Read more