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November 22, 2024 1:30 am

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ वे तुम तें नहिं दूरि,ज्ञान की आंखिन देखौ।अखिल विश्व भरपूर,रूप सब उनहि विसेखौ।।लौह,दारू,पाषाण में,जल थल मही आकाश।सचर अचर बरतत सबैं,जोति -बृह्म-परकास।।भावार्थ:-अब उद्धव जी गोपियों को ज्ञान की शिक्षा देते हुए कह रहे हैं कि गोपियों वे अर्थात भगवान तुमसे दूर नहीं हैं, उन्हें ज्ञान की आंखों से देखो, उनका … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-त्रयोदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-त्रयोदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( त्रयोदशोध्याय: ) गतांक से आगे – प्रातः शचि माता उठीं …आज कुछ विलम्ब हो गया इन्हें …स्वाभाविक था घर में उत्सव हो तो रात्रि शयन में विलम्ब हो ही जाता है ….सब कुछ समेटते समेटते इन्हें अर्धरात्रि हो गयी थी ..पर नींद भी तो जल्दी नही आती ऐसे … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !! “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 भगवान शिव के हृदय में विराजती हैं……..समस्त कामनाओं की पूर्ति करनें वाली …….और समस्त तन्त्र मन्त्र की अधिष्ठात्री हैं …….देवों की भी पूज्या …..देवों की भी इष्ट ……..और समस्त साधनाओं की देवी हैं ये त्रिपुर सुन्दरी ………..महर्षि शाण्डिल्य नें समझाया । हे … Read more