उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६: Niru Ashra
उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६ करम हिं निंदौ कहा?करम सों सदगति होई।करम रूप ते बली नाहिं, त्रिभुवन में कोई।।करम ही ते उत्पत्ति है,करम हि तें सब नास।करम करें तें मुक्ति होई, परब्रह्म पुर वास।।उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि करम की क्यों निंदा करते हो,करम से सद्गति होती है। पूरे त्रिभुवन … Read more