Explore

Search

November 22, 2024 8:13 am

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६: Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६: Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६ करम हिं निंदौ कहा?करम सों सदगति होई।करम रूप ते बली नाहिं, त्रिभुवन में कोई।।करम ही ते उत्पत्ति है,करम हि तें सब नास।करम करें तें मुक्ति होई, परब्रह्म पुर वास।।उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि करम की क्यों निंदा करते हो,करम से सद्गति होती है। पूरे त्रिभुवन … Read more

परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-सप्तदशोध्याय: Niru Ashra

परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-सप्तदशोध्याय: Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( सप्तदशोध्याय:) गतांक से आगे – पिता जी ! ये है मेरी प्यारी सखी कान्चना । आज अपनी पुत्री और जामाता को लेने सनातन मिश्र जी आये हैं । अपने पिता को देखते ही दौड़ पड़ी थी विष्णुप्रिया । दोनों पिता पुत्री का हृदय भर आया था । तभी … Read more

Hiश्री चरितामृतराधाHiश्री चरितामृत

Hiश्री चरितामृतराधाHiश्री चरितामृत

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 3 मैं ठीक हूँ प्रभु ! हाँ …..आनें का कारण …….तो ये हैं मेरे साथ ……..इन्हें तो आप जानते ही हैं …….कामदेव को दिखाते हुये नारद जी नें मुरली मनोहर श्याम सुन्दर से पूछा । ओह ! इनको कौन नही जानता ! अहंकारी के अहंकार को और … Read more