Explore

Search

August 2, 2025 11:41 am

🪷 अद्भुत कृष्ण भक्त सुधन्वा,भाग-4🪷 : Niru Ashra

🪷 अद्भुत कृष्ण भक्त सुधन्वा,भाग-4🪷 : Niru Ashra

🪷 अद्भुत कृष्ण भक्त सुधन्वा,भाग-4🪷 राजा हंसध्वज दोनों हाथों से तलवार पकड़े राजमहल में आये।रानी को दरवाजे पर आकर विजय तिलक करने की फरियाद दासी द्वारा भेजी।रानी हाथों में आरते का सजा हुआ रोली,चावल,पुष्प भरा थाल लायी। 🚩राजा ने मस्तक झुकाया दीपक की ओर,परन्तु रानी ने टीके की ओर हाथ न बढाकर सीधे प्रश्न किया।🫅🏻रानी:- … Read more

श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 5 -( स्वप्न विलास ) : Niru Ashra

श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 5 -( स्वप्न विलास ) : Niru Ashra

श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 5 ( स्वप्न विलास ) गतांक से आगे – मुझे नृत्य सिखाओ ! ये कहते हुए श्रीराधारानी श्याम सुन्दर के बगल में जाकर बैठ गयीं थीं । ये प्रार्थना नही थी प्रेयसी की अपनी ठसक थी , आदेश था , जो प्रेम में स्वाभाविक होता है । पर मुझे कहाँ नृत्य … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 81 !!-श्रीराधामहाभाव की कुछ तरंगें…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 81 !!-श्रीराधामहाभाव की कुछ तरंगें…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 81 !! श्रीराधामहाभाव की कुछ तरंगें…भाग 1 हे वज्रनाभ ! “विश्व” शब्द ब्रह्म का ही पर्याय है …..और प्रेम, विस्तृत होते होते जब विश्व ही अपनें प्रियतम के रूप में दिखाई देनें लगे ……जड़ चेतन का भेद मिटनें लगे …..वृक्ष में भी वही , पक्षी पशु में भी वही …..आकाश और पृथ्वी में … Read more