!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) : Niru Ashra
!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) गतांक से आगे – यत्र निगमितहासपुराणसंहितादिसुवर्णखचितोत्त्तमागमबहुवर्णकर्कशतर्करत्नसकलसंदोहयत्नरचितो ललितोन्नतो विविधतत्सिद्धांतानलयंत्रावलिवलिलोदुर्जनाजितो विद्वत्जनसभाजितो विराजते सर्वतो नगरं सुपर्वपर्वतोपमाकार : प्राकार : ।। अर्थ – प्रेम नगर में परकोटा बनाया गया …जो सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य था …वेद , इतिहास , पुराण , … Read more