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November 21, 2024 10:36 pm

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 4 : Niru Ashra

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 4 : Niru Ashra

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान💐💐💐💐💐💐श्लोक 4 . 4💐💐💐अर्जुन उवाचअपरं भवतो जन्म परं विवस्वतः |कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति || ४ || अर्जुनः उवाच – अर्जुन ने कहा; अपरम् – अर्वाचीन, कनिष्ठ; भवतः – आपका; जन्म – जन्म; परम् – श्रेष्ठ (ज्येष्ठ); जन्म – जन्म; विवस्वतः – सूर्यदेव का; कथम् – कैसे; एतत् – यः; विजानीयाम् – मैं … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) गोपियों ने वंशी-ध्वनि सुनी शुकी गोपी इनका नाम है। फिर ये व्रज में किस-किस नाम से प्रकट हुए। यह सब पद्मपुराण में है। गीताप्रेम से हिंदी में जो पद्मपुराण छपा है, उसके पाताल-खण्ड का अधिकांश छोड़ दिया है, भला! उसमें वे कथाएँ नहीं छापीं। वैसे … Read more

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !!-भाग – 4 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !!-भाग – 4 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !! भाग – 4 गतांक से आगे – ( यमुना किनारे एक अघोरी, जो हड्डियों की माला पहने काँटों पर लेटा था उसे देखकर वो बृजवासी अल्हड़ कल्लू हंसा …तो कल्लू से हमने सिद्धि पर बातचीत की, साधकों ! बड़ी गम्भीरता के साथ सिद्धियों पर उसने अपनी … Read more

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!-द्वारिका लौटे बलराम भाग 1: Niru Ashra

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!-द्वारिका लौटे बलराम भाग 1: Niru Ashra

🌸🙏🌸🙏🌸 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 ! द्वारिका लौटे बलरामभाग 1 💕💕💕💕💕💕हे वज्रनाभ ! दो मास वृन्दावन रहनें के बाद …….बलभद्र अब लौटना चाह रहे हैं…….महर्षि शाण्डिल्य नें वज्रनाभ को कहा । मुझे द्वारिका जानें की कोई शीघ्रता नही है ………..मैं तो यहीं रहना चाहता हूँ ………..श्रीधाम वृन्दावन चिन्मय है ……….ये तीर्थ नही ……ये तो दिव्य मण्डप … Read more