Explore

Search

November 21, 2024 5:06 pm

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌸श्लोक 4 . 8 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌸श्लोक 4 . 8 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌸🌸🌸🌸🌸🌸श्लोक 4 . 8🌸🌸🌸🌸 परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे || ८ || परित्राणाय – उद्धार के लिए; साधूनाम् – भक्तों के; विनाशाय – संहार के लिए; च – तथा; दुष्कृताम् – दुष्टों के; धर्म – धर्म के; संस्थापन-अर्थाय – पुनः स्थापित करने के लिए; सम्भवामि – … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )भूमिका – नित्य वृन्दावन: Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )भूमिका – नित्य वृन्दावन: Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) भूमिका – नित्य वृन्दावन जै वृन्दावन नित्य जय , नित्य कुँज सुख सार ।जै श्रीराधा पिय जहाँ , बिहरत नित्य बिहार ।। हे रसिकों ! सखी भाव से भावित होकर हमें चलना है अब नित्य वृन्दावन की ओर । ये नित्य वृन्दावन … Read more

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !! -श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वाराभाग 2 : Niru Ashra

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !! -श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वाराभाग 2 : Niru Ashra

🍃🍁🍃🍁🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !! “श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वाराभाग 2 देखा तो उठकर खड़े हो गए कृष्ण……….सामनें थे बलराम । कन्हैया ! दोनों हाथों को फैलाये नयनों से अश्रु बहाते हुए खड़े हैं । कृष्ण नें देखा …………..दाऊ ! दौड़ पड़े कृष्ण …………अपनें अनुज को हृदय से लगाया था बलभद्र नें । … Read more