श्रीमद्भगवद्गीताअध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🙏🙏🙏🙏🙏🙏श्लोक 4 . 26🙏🙏🙏🙏 : Niru Ashra
श्रीमद्भगवद्गीताअध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🙏🙏🙏🙏🙏🙏श्लोक 4 . 26🙏🙏🙏🙏 श्रोत्रादीनीन्द्रियाण्यन्ये संयमाग्निषु जुह्वति |शब्दादीन्विषयानन्य इन्द्रियाग्निषु जुह्वति || २६ || श्रोत्र-आदीनि – श्रोत्र आदि; इन्द्रियाणि – इन्द्रियाँ; अन्ये – अन्य; संयम – संयम की; अग्निषु – अग्नि में; जुह्वति – अर्पित करते हैं; शब्द-आदीन् – शब्द आदि; विषयान् – इन्द्रियतृप्ति के विषयों को; अन्ये – दूसरे; इन्द्रिय – … Read more