!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (142) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! ( “सिद्धान्त सुख” – 68 ) गतांक से आगे – भारी सोभित किंकिनी है कनक चित्रांगनि अली।गोपुरा नामनि सहेली है सुनूपुर पद-रली ॥जेहरी है रही हरि अभिलाषिनी अनुचारिनी ।श्रीसुसदनावति सखी बिछिया स्वरूप सुधारिनी ॥जोतिप्रकासनि अनवट ओपति । भई पद पत्र अमित आभावति ॥बसन रूप बेलावलि केली । इहिं प्रकार सेवति … Read more