🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(34-1),श्रीकृष्णकर्णामृत – 3 “मेरी प्यारी चिंतामणि की जय हो”& श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 #मैंजनकनंदिनी…. 3️⃣4️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 दोषु देहि जननी जड़ तेहिं……📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! जैसे किसी शूर को कोई लक्ष्य से भटका दे तो उसका विचलित होना दिखाई दे जाता है ……….ऐसे ही मेरे श्रीराम विचलित हो गए थे ….अपनें राज्याभिषेक की बातें सुनकर … Read more