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December 22, 2024 3:56 pm

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(83-3)मिथिला के भक्त – भाग 5,श्री भक्तमाल (044-45) તથા श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣3️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मुनि अगस्ति कर शिष्य सुजाना…📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! हे राम ! मुझे बहुत आनन्द आया ये सुनकर कि तुमनें राक्षसों से विहीन पृथ्वी करनें की प्रतिज्ञा की है ……………..। रावण मुख्य है समस्त राक्षसों में ………वही समस्त राक्षसों का … Read more

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(83-2), मिथिला के भक्त – 4,श्रीमद्भगवद्गीता तथा श्री भक्तमाल (043) : नीरु आशरा

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣3️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मुनि अगस्ति कर शिष्य सुजाना…📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! धन्य हो तुम ! सुतीछन ! धन्य हो तुम ……………………. आनन्द से भर गए थे …………..कहाँ हैं ? बताओ सुतीछन ! कहाँ हैं श्रीराम ! बाहर की ओर दौड़े थे महामुनि … Read more