🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(83-3)मिथिला के भक्त – भाग 5,श्री भक्तमाल (044-45) તથા श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣3️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मुनि अगस्ति कर शिष्य सुजाना…📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! हे राम ! मुझे बहुत आनन्द आया ये सुनकर कि तुमनें राक्षसों से विहीन पृथ्वी करनें की प्रतिज्ञा की है ……………..। रावण मुख्य है समस्त राक्षसों में ………वही समस्त राक्षसों का … Read more