🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(89-1), मिथिला के भक्त – 23,श्रीमद्भगवद्गीता तथा श्री भक्तमालश (061) : नीरु
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(89-1), मैंजनकनंदिनी..8️⃣9️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! सुन्दरी ! तुम कौन हो ? मैं कुटिया से बाहर आयी ये सोचकर कि मेरे श्रीराम किससे बातें कर रहे हैं ! मैने देखा कोई अत्यंत सुन्दरी …………गहनों से लदी हुयी …….पर वस्त्रों से लग नही रही थी … Read more