🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम(92-1), 🥰🙏, मिथिला के भक्त – 32, श्री भक्तमाल (070) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣2️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! ‘मूर्ख रावण ! तू आँखें होते हुये भी अंधा है …..देख ! एक अयोध्या के राजकुमार नें तुझे चुनौती दी”……सूर्पनखा लंका में पहुंची थी ….और दशानन के सामनें खड़ी होकर दशानन को फटकारे जा रही … Read more