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August 2, 2025 2:45 am

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(92-3),मिथिला के भक्त – 34,श्री भक्तमाल (072) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣2️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! और पिनाक धनुष को हिला डुलाकर उठानें का प्रयास भी करनें लगा था ………हाँ ………….जैसे तैसे रावण नें अपना हाथ पिनाक के भीतर डालना चाहा …..ताकि पिनाक उठ सके …………..। मुझे हँसी आती है उस जनकपुर … Read more

जीने की राह एवम जीवन : भानुभाई लोकडीया

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमे महसूस करना है कि, हमारे जीवन के दिन अब उतने नहीं बचे, जितने हमने जी लिए हैं। इस अहसास से हमने जीवन में कई बदलाव ला दिए हैं:- हर पल को पूरी तरह जीने की कोशिश करता हूँ, क्योंकि अब यह समझ आ गया है कि जीवन अमूल्य है और … Read more