🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(92-3),मिथिला के भक्त – 34,श्री भक्तमाल (072) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣2️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! और पिनाक धनुष को हिला डुलाकर उठानें का प्रयास भी करनें लगा था ………हाँ ………….जैसे तैसे रावण नें अपना हाथ पिनाक के भीतर डालना चाहा …..ताकि पिनाक उठ सके …………..। मुझे हँसी आती है उस जनकपुर … Read more