🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(93-3),: मिथिला के भक्त – 37,श्री भक्तमाल (075) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
:🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣3️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! वो दो राजकुमार यही तो थे ………..रावण चला जा रहा था उस मारीच के द्वीप में …………….. इसको छोड़ दिया राम नें ……..मारीच को मारा नही ………..हाँ सुबाहु और ताड़का को मार दिया था …….पर इस मारीच को … Read more