🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(94–2),श्री भक्तमाल (077), “मिथिला के भक्त” और मेरे ऊपर कृपा !! તથા श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣4️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 स्त्री सम्पत्ती है …रावण बोला …….स्त्री पुरुष की भोग्या है ……..और मारीच ! भोग्य वस्तु में उसी का अधिकार है जिसकी भुजाओं में बल है ….पराक्रम है । तुम भीरु हो …….मारीच ! तुम कायर लग रहे हो … Read more