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March 13, 2025 12:29 am

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(107–2),] “श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-14”, श्री भक्तमाल (114) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣7️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं।कैशोरसौरभसमाहृतयोगिचित्तम्।। हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं।सन्मानिशालिपरपीतपरागपुजंम्।। दूर्बादल द्युतितनुं तरुणाब्जनेत्रं।हेमामबराम्बरविभूषषितांकम्।। कन्दर्पकोटिकमनीय किशोर मूर्ति पूर्ति मनोरथभवा भजु जानकीशम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! कुबेर पुत्र नलकूबर तो पूर्ण समर्पण कर उठा था रम्भा के लिये …… … Read more

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(107–1), “श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-13”,श्री भक्तमाल (113) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣7️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं।कैशोरसौरभसमाहृतयोगिचित्तम्।। हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं।सन्मानिशालिपरपीतपरागपुजंम्।। दूर्बादल द्युतितनुं तरुणाब्जनेत्रं।हेमामबराम्बरविभूषषितांकम्।। कन्दर्पकोटिकमनीय किशोर मूर्ति पूर्ति मनोरथभवा भजु जानकीशम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! उस दिन त्रिजटा नें मुझे जो बात बताई वो बात मुझे सोचनें पर … Read more

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(106-3),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-12”,श्री भक्तमाल (112) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣6️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।। एक उपाय है दशानन ! वह नन्दी अभी भी वहीं खड़ा था ………..। क्या उपाय है ? कराहते हुये बोला था रावण । तुम उमाकान्त , गरलकण्ठ, शशांकशेखर भगवान शिव का … Read more