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March 13, 2025 12:53 am

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏[107-3],“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-15”,श्री भक्तमाल (115) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣7️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं।कैशोरसौरभसमाहृतयोगिचित्तम्।। हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं।सन्मानिशालिपरपीतपरागपुजंम्।। दूर्बादल द्युतितनुं तरुणाब्जनेत्रं।हेमामबराम्बरविभूषषितांकम्।। कन्दर्पकोटिकमनीय किशोर मूर्ति पूर्ति मनोरथभवा भजु जानकीशम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! सोलह श्रंगार में सजी अप्सरा रम्भा !……………. वो तो जा रही थी अपनें प्रेमी से मिलनें … Read more

🌹🪷 गहराई प्रेम की,कर्तव्य की व दर्द की भाग -37🪷🌹 : Kusuma Giridhar

🌹🪷 गहराई प्रेम की,कर्तव्य की व दर्द की भाग -37🪷🌹 🦚🐚🦚सोचना नहीं है अब कर्ण।ये समय की मांग है कि तुम अपनी कर्मभूमि तय करो।तुम सूतपुत्र होने पर तेजस्वी योद्धा होते भी दुःखी थे और जब आज तुम्हें ज्ञात हो गया है कि तुम क्षत्रिय हो तो अब दुखी न होकर अपनी बुद्धि प्रयोग करके … Read more