🙏🥰 श्रीसीताराम बनशरणम् मम 🥰🙏(110-2),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-24”,Hari sharan[] श्री भक्तमाल 124 तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>> 1️⃣1️⃣0️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2(माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 यन्मायावशवर्तिं विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरायत्सत्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः।यत्पादप्लवमेकमेव हि भवाम्भोधेस्तितीर्षावतांवन्देऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्।। “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! तू अपनें आप को महावीर कहता है …….हँसी आती है मुझे रावण … Read more