🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏(117-2),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-44”,श्री भक्तमाल (144) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣1️⃣7️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 त्यक्त्वा सुदुस्त्यजसुरेप्सितराज्यलक्ष्मींधर्मिष्ठ आर्यवचसा यदगादरण्यं ।मायामृगं दयितयेप्सितमन्वधावत्वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! मैं दुर्भाग्य से लंकापति रावण का अनुज विभीषण हूँ ………….जिस रावण नें उनकी भार्या सीता का हरण किया है ………उसी … Read more