🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏 118(2),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-47”,श्री भक्तमाल (147) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣1️⃣8️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! सबको मेरे श्रीराम की बात माननी ही थी । तो दूत भेजा जाए …………पर दूत बनके कौन जायेगा लंका ? स्वयं ही समाधान भी किया मेरे श्रीराम नें ……जामवन्त … Read more