🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग 1️⃣1️⃣9️⃣(1),श्री भक्तमाल (149) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣1️⃣9️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 त्वमेव माता च पिता त्वमेव,त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,त्वमेव सर्वं मम देवदेव ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! रावण आकाश मार्ग से लंका जा चुका था ………..सेतु जो मेरे श्रीराम नें बनवाई … Read more