🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏121(2),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-55” तथा श्री भक्तमाल (156) : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏 🌺भाग>>>>>>> 1️⃣2️⃣1️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 वन्दे विदेहतनयापदपुण्डरीकं,यः सौरवृषमाहितयोगचित्तम् ।हन्तुं त्रितापमनिशं मुनिहंससेव्यं,सन्मानशीलपरिपीतपरागपुञ्जम् ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मै वैदेही ! रावण नें तलवार ली …….और अपनें तलवार के नोंक से उस ढंके हुए वस्त्र को हटाया …………….. न हीं ! …………….मै चिल्ला … Read more