🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺1️⃣2️⃣7️⃣(1),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-72” तथा श्री भक्तमाल (173) : नीरु आशरा
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>>1️⃣2️⃣7️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! मेरे पिता विभीषण नें पता सही बताया था ……….पवनसुत लंका नगरी में पहुँच कर समझ गए कि सुषेण वैद्य का घर यही होगा ……त्रिजटा अपनी मायामयी दृष्टि से सब … Read more