🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺1️⃣2️⃣8️⃣(2), “श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-76”,श्री भक्तमाल (177) तथा “प्रश्नोपनिषद”- पंचदश : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>>1️⃣2️⃣8️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! रामप्रिया ! पिता रावण को आश्वासन देकर फिर निकुम्भीला देवी के मन्दिर में गया मेघनाद ……वहाँ जाकर उसने पूर्व की तरह आराधना की देवी की …..वहीं अदृश्य रथ प्राप्त किया … Read more